Explore

Search

January 9, 2025 1:24 am

LATEST NEWS
Lifestyle

ग्वालियर में एक मुस्लिम परिवार के पास फारसी में अनुवादित 310 साल पुरानी दुर्लभ वाल्मीकि रामायण,मूल प्रति रामपुर की रजा लाइब्रेरी में संरक्षित

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email

हिंदू ग्रंथों की शुरुआत ‘ऊं’ या ‘श्री गणेशाय नम:’ से होती है, लेकिन ग्वालियर में एक मुस्लिम परिवार के पास फारसी में अनुवादित 310 साल पुरानी दुर्लभ वाल्मीकि रामायण है। जिसे उन्होंने श्रृद्धा भाव से सहेजकर रखा है। यह भारत की गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल है। इसकी मूल प्रति रामपुर की रजा लाइब्रेरी में संरक्षित है। फारसी में अनुवादित इस रामायण की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में ईरान के राष्ट्रपति डॉ. हसन रोहानी को भेंट की थी।

सुप्रीम कोर्ट वकील हाजी शिराज कुरैशी के मुताबिक फारसी रामायण की प्रति कईं सालों से हमारे घर में पूरी श्रृद्धा के साथ रखी हुई है। मेरे वालिद हाजी एमएम कुरैशी रामायण के जानकार थे। 1713 में लिखी गई यह फारसी रामायण गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है।

Faizan Ashraf
Author: Faizan Ashraf

Leave a Comment