कबीरधाम जिला कोर्ट ने गुरुवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश उदयलक्ष्मी सिंह परमार (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) ने दिया है। आरोपी का नाम यशवंत चन्द्रवंशी पिता तिलक चन्द्रवंशी उम्र 26, निवासी मठपारा कवर्धा है।
आरोपी और पीड़िता के बीच में वर्ष 2018 से प्रेम प्रसंग था। शादी का झांसा देकर लगातार दुष्कर्म कर रहा था। अंतिम बार चार नवंबर 2020 को दुष्कर्म किया। इस बीच आरोपी ने पीड़िता का गर्भपात भी कराया।
इसी बीच 28 नवंबर 2020 को पीड़िता के साथ मारपीट किया। इस पूरे घटना को लेकर पीड़िता ने 7 दिसंबर 2020 को अपने परिजनों को जानकारी दी। परिजनों के साथ आठ दिसंबर को कवर्धा सिटी कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई।
पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धारा 294, 323, 506, 376(2)(ढ)व धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
करीब तीन साल चली सुनवाई बाद कोर्ट ने धारा 326 के तहत छह माह सश्रम कारावास व धारा छह लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके अतिरिक्त अर्थदंड भी लगाया है। दोनों सजा एक साथ भुगतायी जाएगी।