आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने की रणनीति के तहत भाजपा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पूर्व ही कम से कम 200 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर देगी। बृहस्पतिवार-शुक्रवार की रात भाजपा मुख्यालय में हुई पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में पार्टी ने 300 सीटों पर गहन विचार विमर्श के बाद 200 सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए। उम्मीदवारों की पहली सूची शनिवार या रविवार को जारी हो सकती है।
उम्मीदवारों के चयन के लिए बृहस्पतिवार देर रात तक पहले पीएम आवास पर हुई बैठक में 300 सीटों पर चर्चा कर पैनल तैयार किया गया। इसके बाद देर रात पौने ग्यारह बजे से तड़के 3:30 बजे तक चली सीईसी की बैठक में विमर्श के बाद इनमें से 200 सीटों पर एक उम्मीदवार तय किए गए। इनमें से ज्यादातर ऐसी सीटें हैं, जिसमें बीते चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इस दौरान अयोध्या को छोड़कर उत्तर प्रदेश की 74 सीटों पर चर्चा हुई और 54 सीटों पर ही एक नाम पर सहमति बनी।
क्यों नहीं जारी हुई सूची?
पार्टी सूत्रों ने बताया कि रविवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिपरिषद की अंतिम बैठक है। आगामी चुनाव में कई मंत्रियों को भी टिकट से वंचित होना पड़ सकता है। पहले योजना कम से कम सौ सीटों पर शुक्रवार को ही उम्मीदवार घोषित करने की थी। लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई। सूत्रों के मुताबिक, अगर सहमति बनी तो पार्टी शनिवार को 100 सीटों पर और इसके बाद मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।
राजनाथ का लखनऊ, ईरानी का अमेठी से लड़ना तय
यूपी में पार्टी कम से कम चालीस फीसदी पुराने चेहरों पर नए चेहरों को तरजीह देगी। जिन 54 सीटों पर एक नाम पर सहमति बनी है, उनमें से कई वर्तमान सांसदों को टिकट से हाथ धोना पड़ा है। राजनाथ सिंह का लखनऊ, स्मृति ईरानी का अमेठी से चुनाव लड़ना तय है।
सीईसी और पीएम आवास पर हुई बैठक में सहयोगी दलों को दी जाने वाली सीटों के अतिरिक्त अयोध्या की सीट पर कोई चर्चा नहीं हुई। पार्टी ने पहले की तरह अपना दल को दो, रालोद को कैराना और बागपत, सुभासपा को घोसी की सीट देने का मन बनाया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि निषाद पार्टी की ओर से मंत्री संजय निषाद के पुत्र एक बार फिर से भाजपा के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। अयोध्या को ले कर कई तरह की चर्चा हंै। कहा जा रहा है कि इस सीट पर पार्टी किसी वरिष्ठ नेता को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है।
गठबंधन दल का फैसला इसी सप्ताह
लोकसभा चुनाव में भाजपा किन दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी, इस पर इसी हफ्ते अंतिम फैसला हो जाएगा। पार्टी हरियाणा में जजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी, जबकि उत्तर प्रदेश में आरएलडी के साथ संभवत: शनिवार को गठबंधन की घोषणा हो जाएगी। दो-तीन दिन के अंदर पंजाब में अकाली दल, आंधप्रदेश में टीडीपी-जनसेना और तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन पर अंतिम फैसला हो जाएगा।
हरियाणा में पार्टी नेतृत्व ने जजपा के बिना अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस संदर्भ में चार सीटों पर नाम तय कर लिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक नेतृत्व ने गुरुग्राम से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत , फरीदाबाद से केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, सिरसा से सुनीता दुग्गल, अंबाला से दिवंगत केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को उतारने का फैसला कर लिया है। भिवानी-महेंद्रगढ़ से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनाव लड़ाने की चर्चा है। बाकी सीटों पर तीन-तीन नामों का पैनल तैयार कर लिया गया है। हिसार सीट पर वर्तमान सांसद बृजेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और हजकां के मुखिया रहे कुलदीप विश्नोई के नाम का पैनल तैयार किया गया है।
जल्द बातचीत करें पूरी
शुक्रवार को पीएम आवास पर हुई मैराथन बैठक में पीएम मोदी ने आंध्रप्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु में गठबंधन पर बातचीत की प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश दिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि आंध्रप्रदेश में टीडीपी और जनसेना के साथ गठबंधन के संकेत हैं। दो-तीन दिनों के अंदर पंजाब में अकाली दल और तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक से अंतिम दौर की बातचीत होनी है।
बिहार में वीआईपी को साधने की तैयारी
इसी हफ्ते पार्टी बिहार में पुराने सहयोगी वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी को भी साधने का प्रयास करेगी। सहनी का राज्य की मल्लाह बिरादरी पर अच्छी पकड़ है। पार्टी की योजना सहयोगियों के साथ अगड़ा, अति पिछड़ा और दलित वोट बैंक पर मजबूत पकड़ बनाने की है।