राजनांदगांव जिला अब सौर ऊर्जा का हब बनकर तैयार हो गया है। डोंगरगढ़ और डोंगरगांव ब्लाक के ढाबा, अमलीडीह, रेंगाकठेरा, आतरगांव, गिरगांव, टोलागांव, ओडारबांध, मारगांव सहित कुल 9 गांव के 500 एकड़ जमीन में सोलर एनर्जी प्लांट बनकर तैयार है।
इससे बिजली उत्पादन भी शुरू हो गया है। यहां देश का पहला बैटरी स्टोरेज सोलर पावर प्लांट लग रहा है। जिसकी क्षमता 120 मेगावॉट है। शनिवार को विकसित भारत विकसित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका वर्चुअल उदघाटन करने जा रहे हैं।
सोलर एनर्जी पावर कार्पोरेशन ने इसके लिए पूर्व में ही सीएसपीडीसीएल से एमओयू किया था। प्लांट में पैदा होने वाली बिजली को जल्द ही सीएसपीडीसीएल को बेची जाएगी। बताया गया कि इस साल यह काम भी शुरू हो जाएगा। इससे कंपनी की थर्मल पावर से आने वाले बिजली की निर्भरता खत्म होगी।
सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ने प्लांट लगाने का काम टाटा कंपनी ने किया है। जिसे अब लगभग पूरा कर लिया है। प्लांट में बिजली उत्पादन भी शुरू हो गया है। सभी बेसिक टेस्टिंग भी सफल रही है। इस प्लांट के लिए 900 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। प्लांट में सोलर पैनल से 100 मेगावाट और 120 मेगावाट बिजली बैटरी स्टोरेज होना है। सोलर प्लांट में सोलर और विंड एनर्जी थर्मल पावर से कम दर पर स्टोरेज होगी।
रात में भी बिजली उत्पादन
प्लांट में रात में भी पॉवर जनरेट किया जा सकता है। यानी की इस प्लांट से दिन और रात पॉवर सप्लाई होगी। दूसरे सोलर प्लांट में दिन में सूरज की रोशनी से पावर जनरेट किया जाता है पर रात को सोलर पैनल काम करना बंद कर देते हैं।
प्लांट की खासियत यही है कि दिन में स्टोरेज की गई एनर्जी से चार्ज हुई बैटरी रात में भी पॉवर सप्लाई कर सकेगी। सोलर एनर्जी पावर कार्पोरेशन के अंकित अग्रवाल ने बताया कि संयंत्रों में फरवरी के प्रथम सप्ताह से उत्पादन शुरू हो चुका है। आने वाले दिनों में वहां से विद्युत कंपनी को बिजली दी जा सकेगी।