छत्तीसगढ़ में किसानों ने इस साल रिकार्ड धान बेची है। प्रदेश के 24 लाख 72 हजार 310 किसानों ने इस साल 144.92 लाख मीट्रिक टन धान बेची है। जिसके एवज में 29 जनवरी तक किसानों को 28 हजार 401 करोड़ रुपये का भुगतान सरकार के द्वारा किया जा चुका है।
130 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य हुआ पूरा
बतादें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने मोदी की गारंटी के तहत किसानों को किए गए वादे के अनुसार 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही सरकार के द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही थी। वही सरकार के द्वारा इस साल 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदा का लक्ष्य रखा था। जो धान खरीदी की अंतिम तारिख तक पूरा किया जा चुका है। वहीं धान खरीदी में वंचित किसानों को समय देते हुए सरकार ने इस तिथि को 4 फरवरी तक बढ़ा दिया था। यानी इस साल 2023-24 में हुई धान की खरीदी के अनुसार 144.92 लाख मीट्रिक टन की धान खरीदी की गई है।
पिछले पांच साल में हुई धान खरीदी
छत्तीसगढ़ में पिछले पांच के दौरान हुई धान खरीदी की बात करें तो लगातार धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ रहा है। पिछले पांच सालों में धान खरीदी 80 लाख मीट्रिक टन से 145 लाख टन मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। साल 2019 के अनुसार प्रदेश में 80.37 लाख मीट्रिक टन खरीदी की गई थी। साल 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक टन की खरीदी हुई, साल 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन, साल 2022 में 107 लाख मीट्रिक टन की खरीदी की गई है। वही साल 2023 में यानी वर्तमान धान खरीदी 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है।
किसानों ने सीएम साय से मिलकर कहा
रिकार्ड धान की खरीदी के बाद छत्तीसगढ़ का किसान संघ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की है किसानों ने सीएम का धन्यवाद करते हुए कहा कि किसान हितैषी नीतियों की वजह से प्रदेश भर के किसानों को लाभ मिल रहा है। किसानों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सुशासन दिवस के अवसर पर 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल का बोनस के रूप में उनके खातों में 3700 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि पहुंच चुकी है, इससे किसान काफी खुश हैं। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से हो रही धान खरीदी की भी प्रसंशा की है। किसानों ने बताया कि इस निर्णय से हमारी उपज का पूरी तरह से विक्रय संभव हुआ है। साथ ही समर्थन मूल्य पर खरीदी का पूरा-पूरा लाभ भी हमें मिलने लगा है।