हर पेरेंट्स को यह बात मान लेनी चाहिए के बच्चे के बड़े होने के साथ-साथ उनका व्यवहार भी बदलने लग जाता है. उसके बदलाव के साथ-साथ पेरेंट्स को भी बदलना पड़ता है और जो पेरेंट्स ऐसा करने में फेल हो जाते हैं, तो उनके बच्चे उन्हें इग्नोर कर देते हैं. हालांकि, कई बार माता पिता के लिए अपने बच्चे के बदलते व्यवहार के साथ बदलाव करना मुश्किल हो जाता है और इस कारण से वे कई ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे उनके बच्चे के व्यवहार में उनके लिए काफी बदलाव आ जाता है.
हालांकि, अगर समय रहते कुछ बातों का ध्यान रखा जाए और कुछ गलतियां न की जाए तो बच्चे के व्यवहार में बदलाव होने से रोका जा सकता है और बच्चे अपने पेरेंट्स को इग्नोर नहीं करते हैं. आइए जानते हैं किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी.
बच्चे से जिद्द करना
अगर आप अपने बच्चे से हर बात जबरदस्ती मनवाने की कोशिश करते हैं या फिर किसी भी चीज पर उससे जिद करते हैं, तो यह आपकी एक बड़ी गलती होगी. अगर बच्चा कुछ गलत कर रहा है, तो उसे समझाएं लेकिन अगर आप जिद करके कोई काम कराना चाहते हैं, तो इससे बच्चे के व्यवहार पर काफी असर पड़ता है और बच्चा आपको इग्नोर करने लग जाता है.
बच्चे की तुलना करना
पेरेंट्स के द्वारा अक्सर की जाने वाली सबसे बड़ी गलतियों में से एक अपने ही बच्चे की तुलना करना भी है. अगर आप अपने ही दो बच्चों की एक दूसरे के साथ तुलना कर रहे हैं या फिर किसी दूसरे बच्चे के साथ अपने बच्चे की तुलना कर रहे हैं, तो इससे बच्चा मानसिक रूप से प्रभावित हो सकता है. इस कारण से भी बच्चे कई बार अपने पेरेंट्स को इग्नोर करना शुरू कर देते हैं.
बच्चे की सराहना न करना
किसी भी बच्चे को अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उनकी सराहना करना भी जरूरी है. अगर आप अपने बच्चे को कुछ काम करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन काम करने के बाद भी उनकी सराहना नहीं कर रहे हैं, तो बच्चे धीरे-धीरे आपको इग्नोर करना शुरू कर देंगे. हालांकि, सराहना सिर्फ जरूरत के अनुसार ही करनी चाहिए बच्चे का आत्मविश्वास जरूरत से ज्यादा न बढ़े.
जरूरत से ज्यादा सीमाएं बनाना
लिमिट बच्चे के लिए जरूरी हैं लेकिन कई बार पेरेंट्स जरूरत से ज्यादा सेंसिटिव हो जाते है और बच्चे के लिए ज्यादा लिमिट सेट कर देते हैं. ऐसा करने से भी बच्चे के दिमाग में अपने ही पेरेंट्स के लिए नकारात्मक विचार आने लगते हैं और वह धीरे-धीरे उनकी बातों को नजरअंदाज करना शुरू कर देते है. इसलिए पेरेंट्स को सोच समझकर ही बच्चों के लिए लिमिट सेट करनी चाहिए.