केरल में कोविड की वजह से दो लोगों की मौत हुई है, जिसने एक बार फिर से देश में कोरोनावायरस का डर फैला दिया है. केरल में पिछले कुछ दिनों में दो लोगों ने कोविड की वजह से जान गंवाई है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर में वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे पड़ोसी राज्यों में भी स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है और अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में कोझिकोड जिले के वट्टोली के 77 वर्षीय कलियाट्टुपरमबथ कुमारन और कन्नूर जिले के पनूर के 82 वर्षीय पलक्कंडी अब्दुल्ला शामिल हैं. शुक्रवार को कुमारन की मौत के बाद एक लैब टेस्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि उनकी मौत की वजह कोविड ही रही है. शनिवार को कोझिकोड के एक प्राइवेट अस्पताल में खांसी और सांस लेने में तकलीफ के इलाज के दौरान अब्दुल्ला की संक्रमण की वजह से जान चली गई.
केरल में मिला नया कोविड वेरिएंट
देश के इस दक्षिणी राज्य में कोविड के नए सब वेरिएंट जेएन.1 (Covid Sub-variant JN.1) का पता चला है. 8 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम से आरटी-पीसीआर पॉजिटिव सैंपल्स में सब वेरिएंट का पता चला. 79 वर्षीय महिला के नमूना की 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर जांच की गई थी, जो संक्रमित पाया गया. महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) के हल्के लक्षण थे और वह कोविड-19 से उबर चुकी है.
तमिलनाडु में भी अलर्ट हुई सरकार
पीटीआई के मुताबिक, तमिलनाडु में कोविड से बचाव के सभी एहतियाती कदम उठाए जाने लगे हैं. स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को वायरस को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है और अगर किसी विशिष्ट इलाके में मामलों में वृद्धि दिखाई देती है और बुखार के मामले सामने आते हैं तो आरटीपीसीआर जांच कराने के लिए कहा गया है. तमिलनाडु में 15 दिसंबर तक संक्रमण के 36 मामले सामने आए थे.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के संपर्क में केंद्र सरकार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों के तहत केरल के सभी हेल्थ फैसिलिटी में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है, ताकि अस्पतालों की तैयारियों का जायजा लिया जा सकेगा. एक सरकारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और स्थिति की निगरानी की जा रही है. कोविड के ज्यादातर मामले हल्के लक्षण वाले होते हैं और बिना किसी इलाज के घर पर ही ठीक हो जाते हैं. केरल के विभिन्न एंट्री प्वाइंट्स पर नजर रखी जा रही है.
केरल में क्या तैयारियां चल रहीं?
स्वास्थ्य अधिकारियों ने सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कड़ी निगरानी को कहा है. बुखार के मरीजों की बढ़ी रही संख्या के मद्देनजर, जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द, लो ब्लड प्रेशर और भोजन करने में परेशानी है, उन्हें तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया है. कोविड-19 के लक्षण वाले लोगों को टेस्ट करवाने की सलाह दी गई है. लोगों से कहा गया है कि एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आने वालों को आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए.
कोविड-19 मरीजों को अलग वार्ड में रखने की सलाह दी गई है. अस्पताल में मरीजों और उनकी देखभाल करने वाले लोगों को मास्क पहनने को कहा गया है. अगर देखभाल करने वाले लोगों और अस्पताल के स्टाफ को कोई दिक्कत है, तो उन्हें तुरंत अपना कोविड टेस्ट करवाने की सलाह दी गई है. ऐसे लोग जिन्हें लगता है कि वे कोविड की चपेट में आसानी से आ सकते हैं. उन्हें कहा गया है कि वे सार्वजनिक जगहों पर भी मास्क लगाएं.
कर्नाटक में अस्पतालों में मॉक ड्रिल
राज्य सरकार ने कर्नाटक के अस्पतालों में मॉक ड्रिल करने का फैसला किया है. सरकार ने मंगलवार को कोविड-19 पर तकनीकी सलाहकार समिति भी बुलाई है. सरकार की तरफ से टेस्टिंग किट खरीदने का निर्देश जारी किया गया है. इसमें आरटी-पीसीआर जांच, रैपिड एंटीजन टेस्ट और वीटीएम (वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम) शामिल हैं. मॉक ड्रिल के जरिए ये पता लगाया जा रहा है कि आईसीयू बेड, ऑक्सीजन की उपलब्धता और दवाओं सहित कितने बेड हैं.
भारत में सबसे पहले कहां मिला सब-वेरिएंट?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सिंगापुर में एक भारतीय यात्री में JN.1 संक्रमण का पता चला. यह शख्स तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का मूल निवासी है और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी. तिरुचिरापल्ली जिले या तमिलनाडु के अन्य स्थानों में JN.1 से संक्रमण के मामले सामने आने के बावजूद मामलों में कोविड केस में इजाफा देखने को नहीं मिला है. भारत में JN.1 सब-वेरिएंट का कोई अन्य मामला सामने नहीं आया है.
सबसे पहले कहां मिला कोविड का नया सब-वेरिएंट?
कोविड-19 के सब-वेरिएंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई. यहां से बाद ये कई देशों फैला. ये सब-वेरिएंट पिरोलो वेरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है. इसकी सबसे बड़ी खूबी इसमें होने वाले सबसे ज्यादा म्यूटेशन में छिपी हुई है, खासतौर पर स्पाइक प्रोटीन में ज्यादा म्यूटेशन होता है. यही वजह है कि इसे इंसानी शरीर के इम्यूनिटी के खिलाफ भी खतरनाक बताया जा रहा है. इन्हीं वजहों के नए सब-वेरिएंट को लेकर सबसे ज्यादा टेंशन हो गई है.
भारत में कोविड के कितने केस?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार तक अपडेट किए गए डाटा के मुताबिक, भारत में कोविड-19 मामलों की कुल संख्या में 339 नए मामलों का इजाफा हुआ है. इस तरह देश में एक्टिव केस की संख्या 1492 तक पहुंच गई है. मरने वालों का आंकड़ा 5,33,311 पर पहुंच गया है. भारत में अब तक कोरोनावायरस से 4,50,04,481 लोग संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 4,44,69,678 लोग इससे रिकवर हुए हैं. इस तरह रिकवरी रेट 98.81% पर पहुंच गया है.