केन्या में लापता दो भारतीयों के मु्द्दे पर विदेश मंत्रालय (एमईए) ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने कहा कि इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के अधिकारी एक दूसरे के संपर्क में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अटकलें नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि जांच जारी है।
एक केन्याई प्रकाशन के मुताबिक, बालाजी टेलीफिल्म्स के पूर्व सीओओ जुल्फिकार अहमद खान और एक अन्य भारतीय नागरिक मोहम्मद जैद सामी किदवई जुलाई 2022 के मध्य में वेस्टलैंड्स के एक लोकप्रिय क्लब को छोड़ने के बाद लापता हो गए थे। उनका ड्राइवर निकोदेमुस मवानिया भी तब से लापता था।
विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने मंगलवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘दोनों पक्षों के अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में हैं और दोनों पक्षों के बीच सूचना साझा की जा रही है।’ उन्होंने आगे कहा, लेकिन इस समय हमें अटकलें नहीं लगानी चाहिए क्योंकि जांच चल रही है … और हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि आने वाले दिनों में चीजें कैसे सामने आएंगी।
पिछले साल भारत ने लापता भारतीयों के मामले में केन्याई पक्ष को सभी तरह की मदद की पेशकश की थी और वह इस मामले से जुड़े घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए है। एक भारतीय जांच दल ने एक से तीन नवंबर, 2022 तक नैरोबी का दौरा किया और केन्याई सरकार के लोक अभियोजन विभाग और आपराधिक जांच विभाग से मुलाकात की।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुतो से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत और केन्या के बीच साझेदारी को गहरा बनाने पर विचार-विमर्श किया। दोनों ने एक साझा प्रेस ब्रीफिंग की और विभिन्न क्षेत्रों के पांच समझौता ज्ञापनों (एमओयू) और रणनीतिक सहयोग पर चर्चा से अपने दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत किया।
केन्या ने राष्ट्रीय मुद्रा में व्यापार करने में दिखाई रुचि: एमईए
विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) ने कहा कि केन्या ने भारत के साथ राष्ट्रीय मुद्रा में व्यापार करने में रुचि दिखाई है। केन्याई अधिकारी इस संबंध में एक बैठक करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह (राष्ट्रीय मुद्रा) केन्या के हित में है। उन्होंने स्पष्ट रूप से हमसे सीखने में रुचि जताई है। हम दोनों देशों के बीच यह सहयोग चाहते हैं और इस पहलू को प्रधानमंत्री द्वारा उल्लिखित यूपीआई और फिनटेक समाधानों के साथ जोड़ना चाहते हैं। हमने इन्हें (यूपीआई, फिनटेक समाधान) सफलतापूर्वक पेश किया है। हमने इन्हें कई देशों में पेश किया है। वे हमारे अधिकारियों के साथ बैठक करना चाहते हैं। हम संबंधित मंत्रालयों और विभागों के साथ इसकी सुविधा प्रदान करेंगे।’