युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर पूरे प्रदेश में विरोध जारी है। डीएड बीएड प्रशिक्षित संघ,पालक संघ सहित शिक्षक संगठनों ने इसका खुलकर विरोध किया है और अपने-अपने संगठन के रणनीति अनुरूप युक्तियुक्तकरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इसी कड़ी में सर्व शिक्षक संघ द्वारा प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय द्वारा बनाए गए रणनीति के अनुरूप सभी विधानसभा में विधायकों को अब मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जा रहा है, जिसमे युक्तियुक्तकरण को स्थगित कर पदोन्नति और स्थानांतरण पहले करने की मांग रखी गई है ।
प्रदीप पाण्डेय ज़ो खुद सहायक शिक्षक है ने कहा कि युक्तियुक्तकरण न केवल सहायक शिक्षकों के पदोन्नति के रास्ते को बंद और संकुचित करेगा अपितु इससे विद्यालयों के संचालन और गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। प्राथमिक शाला में 2 शिक्षक 1 से 5 कक्षा और 18 विषय को कैसे पढ़ाएंगे , जबकि प्राथमिक शाला जो शिक्षा की नींव का कार्य करता है उसे ही कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है अब यदि नींव ही मजबूत न हो तो क्या माध्यमिक और हाई,हायर स्कूल उसपे अच्छी इमारत बना पाएंगे, ये एक तरह से पूरी शिक्षा विभाग को चौपट कर देगा साथ ही शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित हो जायेंगे क्यूंकि प्राथमिक शालाओं में बच्चों के अध्ययन के साथ अन्य कई तरह के और प्रयोगत्मक कार्य होते रहते है साथ ही मतदाता पुनरीक्षण सम्बंधित अभिहित अधिकारी बीएलओ आदि की भूमिका भी निभाते है, जिससे कक्षा में समय न दे पाने का खामियाज़ा देर सवेर हमारे प्रदेश के नवनिहालों को ही भुगतना पड़ेगा, साथ ही साथ स्कूल बंद होने से कई पद समाप्त हो जायेंगे जिसमें प्रमुख रुप से पदोन्नति उपरांत प्रधानपाठक प्राथमिक शाला का पद भी शामिल है, इस तरह की कई खामियां इस युक्तियुक्तकरण लागू होने के बाद भविष्य में नज़र आएगी, इसीलिए हम इसका विरोध कर रहे है और सभी 90 विधानसभा में अभी ज्ञापन देकर अपना विरोध ज्ञापित कर रहे हैं और साथ ही सरकार को एकल शिक्षकीय एवम् शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षकों की व्यवस्था के लिए विकल्प भी ज्ञापन के जरिये बता रहे हैं।
संगठन ने सुझाया सरकार यह दो विकल्प….
1)संगठन का कहना है कि पदोन्नति और स्थानांतरण करने से व्यवस्था अपने आप बन जाएगी और सरकार चाहे तो तत्काल एकल शिक्षकीय और शिक्षक विहीन स्कूलों की सूची जारी कर दें और जो भी शिक्षक स्वेच्छा से वहां पदस्थापना चाहते हैं। उन्हें पदस्थ कर दें । संघ का कहना है कि जो शिक्षक अन्यत्र जिले में हैं वह स्वेच्छा से अपने गृह जिले के किसी भी एकल शिक्षकीय या शिक्षक विहीन स्कूलों में पदस्थापना देने के लिए तैयार हैं।
2) इसी प्रकार बरसों से पदोन्नति की राह देख रहे शिक्षक भी पदोन्नति के जरिये ऐसे स्कूलों में जाने को तैयार हैं पर विभाग उन्हें उनका हक देने के बजाय युक्तियुक्तकरण कर शिक्षकों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहा है।
इन्हीं बातों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए सर्व शिक्षक संघ टीम बिलासपुर ने बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर शिक्षकों की समस्या से अवगत कराया जिस पर विधायक ने उनकी बातों को गंभीरता पूर्वक सुना और इस विषय को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है । विधायक को ज्ञापन सौंपने पहुंचे शिक्षकों में प्रदेश संरक्षक रामदत्त गौरहा, सुभाष त्रिपाठी, प्रदेश संयोजक विवेक दुबे,प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय, जिला अध्यक्ष बिलासपुर आभाष श्रीवास, रोनित विश्वकर्मा ,खिरसागर पटेल,राजेश पांडेय,धीरज साहू,नवीन अग्रवाल,देवकांत रुद्रकर,सतीश जायसवाल, परितोष शुक्ला,प्रकाश ध्रुव, सुनील टोप्पो,सतीश तंबोली अमित मिश्रा, योगेश पाण्डेय आदि शामिल थे।