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रांचीः राजधानी रांची में बीते 30 दिसंबर को दिनदहाड़े लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया था। इस दौरान लूटपाट का विरोध करने वाले सुमित कुमार को अपराधियों ने गोली भी मार दी थी। जिससे वह घायल हो गया था। बावजूद इसके 13 लाख रुपए की लूट की घटना को अंजाम देकर अपराधी फरार हो गए थे।
दो पति-पत्नी और एक आरोपी की बहन भी गिरफ्तार
जिले के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा और एसपी सिटी राजकुमार मेहता ने इस लूटपाट और गोली कांड के उद्भेदन की जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि आठ आरोपियों को रांची पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन आठ आरोपियों में दो पति-पत्नी और एक आरोपी की बहन भी शामिल है। इन महिला आरोपियों ने अपराधियों का साथ दिया था। गिरफ्तार अपराधियों में राजेश श्रीवास्तव उर्फ़ राजेश सिंह, चंद्रशेखर प्रसाद सिन्हा, संतोष कुमार सिंह, कारू सिंह और प्रकाश साव शामिल है। जबकि इनका साथ देने वाली महिला आरोपियों में पूनम देवी, नीलम देवी और साधना सिन्हा उर्फ प्रीति सिन्हा शामिल है।
लूट को अंजाम देने में होटल का मालिक भी था शामिल!
इस वारदात को अंजाम देने में रांची के ओरमांझी इलाके में स्थित वृंदावन होटल का मालिक भी शामिल था। वहीं मुख्य साजिश करता चंद्रशेखर प्रसाद सिंह आशीर्वाद आटा में पूर्व में स्टाफ रह चुका था। उसके इनफॉरमेशन के बाद ही मुख्य सरगना राजेश श्रीवास्तव ने इस लूट कांड की घटना को अंजाम दिया गया था। राजेश श्रीवास्तव का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। रांची के कई थानों में एक दर्जन मामले दर्ज है। वहीं विरोध करने वाले विनीत कुमार को भी चंद्रशेखर प्रसाद सिन्हा ने गोली मारी थी। चंद्रशेखर प्रसाद सिंह का भी पूर्व में अपराधी इतिहास है। हालांकि विनीत कुमार बच गए और अब वह अस्पताल से भी रिलीज हो चुके हैं।
इनाम की घोषणा से पुलिस को मिला फायदा
इस लूटपाट और गोलीकांड मामले के बाद रांची पुलिस ने सीसीटीवी खंगाला था। जिसमें आरोपियों की तस्वीर सामने आई थी।इन तस्वीरों को जारी करते हुए पुलिस ने इनका सुराग बताने के लिए 20,000 रुपए इनाम की भी घोषणा की थी। इसके साथ ही शहर में इनका पोस्टर लगाकर जानकारी देने की अपील आम लोगों से की गई थी। आरोपियों की वांटेड पोस्टर का फायदा रांची पुलिस को मिला और आरोपियों की पहचान हुई।
पुलिस का बोर्ड लगाकर वारदात को देते थे अंजाम
एसएसपी ने बताया कि अपराधी अपनी गाड़ी में पुलिस का बोर्ड लगाकर वारदात को अंजाम देते थे। 30 दिसंबर को पंडरा ओपी में लूटकांड के दौरान भी उन्होंने घटना को अंजाम देने के बाद अपनी गाड़ी में पुलिस का बोर्ड लगाया और रिंग रोड होते हुए ओरमांझी वृंदावन होटल पहुंचे। जहां सभी ने शराब पी और फिर पैसों का बंटवारा किया। जिसके बाद सभी अपने-अपने घर चले गए।
तीन अन्य फरार अपराधियों की तलाश में जुटी पुलिस
इसके साथ ही वृंदावन होटल का संचालक संतोष कुमार सिंह का भी अपराधिक इतिहास रहा है। इस मामले में फिलहाल तीन और अपराधी फरार हैं। जिनकी गिरफ्तार के लिए पुलिस छापेमारी अभियान चला रही है। इस पूरे वारदात के उद्भेदन के बाद रांची पुलिस ने लूट के 2 लाख 63 हजार रुपए बरामद किए गए हैं। साथ ही एक लोडेड देशी पिस्टल के साथ पांच जिंदा गोली बरामद किया गया है। साथ ही एक 12 बोर की देसी कट्टा और चार जिंदा गोली समेत कांड में प्रयुक्त एक स्कॉर्पियो गाड़ी और दो मोटरसाइकिल भी जप्त किए गए हैं।
कांड के खुलासे के लिए एसआईटी का किया गया था गठन
एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि इस पूरे कांड के खुलासे के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। सिटी एसपी राजकुमार मेहता के निर्देश पर कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय इसका नेतृत्व कर रहे थे। इसमें डीएसपी दुसरू बान सिंह, कोतवाली थाना प्रभारी आदिकांत महतो, सुखदेव नगर थाना प्रभारी मनोज कुमार, पंडरा ओपी प्रभारी मनीष कुमार, पुंदाग ओपी प्रभारी कृष्ण कुमार समेत 12 थाना प्रभारी एसआईटी में शामिल थे। तकनीकी सेल के अजमत कुमार और फैसल की मदद से इस पूरे कांड का खुलासा किया गया।