राज्यसभा की 56 सीटों में से 41 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। इनमें सर्वाधिक 20 उम्मीदवार भाजपा के हैं। कांग्रेस के 6, तृणमूल कांग्रेस के 4, वाईएसआर कांग्रेस के 3, राजद और बीजद के दो-दो और राकांपा, शिवसेना, बीआरएस और जदयू के एक-एक उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए।
गुजरात से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा पार्टी के जसवंत सिंह परमार, मयंक नायक और गोविंदभाई ढोलकिया विजयी घोषित किए गए। वहीं, राजस्थान से कांग्रेस की सोनिया गांधी के अलावा भाजपा से चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौर निर्विरोध चुने गए। महाराष्ट्र से भाजपा की मेधा कुलकर्णी और अजित घोपछडे, शिवसेना से मिलिंद देवड़ा, प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी) और चंद्रकांत हंदोड़े (कांग्रेस) निर्विरोध निर्वाचित हुए। उत्तराखंड से भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट, हरियाणा से सुभाष बराला, छत्तीसगढ़ से देवेंद्र प्रताप सिंह निर्विरोध चुने गए।
पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार सुष्मिता देब, सागरिका घोष, ममता ठाकुर और मोहम्मद नदीमुल हक और समिक भट्टाचार्य (भाजपा) विजयी घोषित किए गए। मध्य प्रदेश से भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, वाल्मीकि धाम आश्रम के प्रमुख उमेश नाथ महाराज, किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर और मध्यप्रदेश भाजपा महिला इकाई की अध्यक्ष माया नारोलिया व कांग्रेस के अशोक सिंह निर्विरोध चुने गए। ओडिशा से केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और बीजद के देबाशीष समानत्रे और सुभाशीष खुटिया विजेता घोषित किए गए। आंध्र प्रदेश की सभी तीन सीटें वाईएसआर कांग्रेस के जी बाबू राव, वाईवी सुब्बा रेड्डी और एम रघुनाथ रेड्डी विजयी हुए। तेलंगाना में कांग्रेस की रेणुका चौधरी और अनिल यादव विजयी घोषित किए गए। वहीं, बीआरएस के वी रविचंद्र भी विजेता घोषित किए गए।
घोषित नतीजे में बीआरएस, जदयू और टीडीपी को नुकसान हुआ है, जबकि वाईएसआर कांग्रेस लाभ में रही है। बीआरएस के तीन सांसद रिटायर हुए थे, उसे एक सीट पर संतोष करना पड़ा है। इसी तरह जदयू को दो सीटें गंवाने के बदले एक और टीडीपी को एक सीट गंवाने के बदले कुछ हासिल नहीं हुआ है। दूसरी ओर, वाईएसआर जिसके एक सदस्य रिटायर हुए थे, उसे दो सीटें मिली हैं।