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October 31, 2024 3:49 pm

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रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के बीच टनल में क्‍यों कराया गया कंक्रीट का काम… इससे क्‍या होगा फायदा? जानें

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नई दिल्‍ली. उत्तरकाशी स्थित टनल में 41 मजदूर फंसे हुए हैं. टनल के अंदर 2 किलोमीटर के खंड में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंक्रीट का काम पूरा हो चुका है. सुरंग का यह खंड बचाव प्रयासों का केंद्र बिंदु है. ऐसे में अगर यह हिस्‍सा ढह गया तो रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन को बड़ा झटका लगेगा. बचाव कार्यों पर प्रमुख अपडेट देते हुए केंद्र सरकार ने बताया कि टनल के अंदर ताजा पका हुआ भोजन और ताजे फल पहुंचाए जा रहे हैं. गैस कटर का उपयोग करके धातु की वस्तु (लैटिस गर्डर रिब) को काटने का काम शुरू किया गया और यह कार्य पूरा कर लिया गया है. 9वें पाइप को फिर से धकेलना शुरू किया गया और अतिरिक्त 1.8 मीटर की दूरी तक पहुंचा दिया गया.

इस दौरान मामूली कंपन नोट किया गया था, इसलिए लागू किए जाने वाले बल का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए ऑगर को थोड़ा पीछे धकेल दिया गया था. इस दौरान रुकावटें देखी गई. 10वें पाइप को धकेलने के दौरान कुछ और रुकावट देखी गई और पाइप को धकेलना बंद करना पड़ा. सुरंग के स्तर से फोरपोल (पाइप) का एक मोड़ वाला हिस्सा बरमा असेंबली में टकरा गया था, जिससे कंपन हुआ. कंक्रीट को तेजी से सख्त करने के लिए एक्सेलेरेटिंग एजेंट का उपयोग करके ऑगर मशीन के लिए प्लेटफॉर्म को मजबूत किया गया, जिसके बाद प्लेटफॉर्म की एंकरिंग और बोल्टिंग की गई. बचाव अभियान पर सलाह देने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ घटनास्थल पर उपस्थित हैं.

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कहा आ रही दिक्‍कत?
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक सरकार ने फंसे हुए लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए लगातार उनके साथ संपर्क बनाए रखा है. वेल्डरों द्वारा दृश्य निरीक्षण के बाद यह पाया गया कि ऑगुर का कटर जाली गर्डर बार से उलझ गया है, जिससे 800 मिली मीटर मार्ग वाले पाइप की 1.5 मीटर लंबाई क्षतिग्रस्त हो गई है. इसके अलावा, इन जालीदार पट्टियों को काटने का काम चल रहा है. अटके हुए ऑगर्स सहित सभी बाधाओं से 800 मिली मीटर बचाव पाइप को हटाने के बाद, दूसरी तरफ तक पहुंचने के लिए अंतिम कुछ मीटर को साफ करने के लिए मैन्युअल बहाव प्रक्रिया लागू की जाएगी.

रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के बीच टनल में क्‍यों कराया गया कंक्रीट का काम… इससे क्‍या होगा फायदा? जानें

18 रिब्‍स का निर्माण पूरा
रिपोर्टिंग के समय तक कुल 8 रिब्स का निर्माण पूरा हो चुका है. ड्रिलिंग मशीनरी साइट पर पहुंच गई है. ड्रिलिंग मशीन को स्थापित करने के लिए प्लेटफार्म तैयार हो चुका है. सुरंग के ऊपर ड्रिलिंग प्वाइंट की मार्किंग को जीएसआई, आरवीएनएल और ओएनजीसी के साथ चर्चा के बाद सीएच 300 एल/एस में अंतिम रूप दे दिया गया है. वहीं, टिहरी हाइड्रो विकास निगम लिमिटेड (टीएचडीसी) ने बड़कोट छोर से एक बचाव सुरंग का निर्माण शुरू कर दिया है. छठा विस्फोट 27 नवंबर को प्रात 6 बजकर 15 मिनट पर किया गया. बहाव की कुल निष्पादित लंबाई 12 मीटर है. यहां 18 रिब्स का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.

Tags: Uttarkashi Latest News, Uttarkashi News

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Khabar Gatha
Author: Khabar Gatha

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