ओलिवर फ्रेड्रिक
लखनऊ. उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर और आगरा में ताज महल सहित नागरिक निकायों, पर्यटन और विरासत स्थलों के आसपास इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए कम से कम 2,000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (PCS) स्थापित करने की योजना बनाई है. इससे पर्यटकों की सुविधा और हरित पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इस परियोजना को संभालने वाली एजेंसी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से राजमार्गों पर भी ईवी के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि यह जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल-डीजल) पर निर्भरता को कम करने और पर्यावरणीय मुद्दों से लड़ने का एकमात्र समाधान है.
यूपीईआईडीए के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (विज्ञापन सीईओ) हरि प्रताप शाही ने कहा ‘भारत सरकार ईंधन की खपत को कम करने और पर्यावरण की स्थिति में सुधार के लिए ईवी को अपनाने पर लगातार जोर दे रही है. केंद्र की पहल के अनुरूप, हमने पूरे यूपी में लगभग 2,000 पीसीएस स्थापित करने का निर्णय लिया है.’ रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में उत्तर प्रदेश में ईवी की अधिकतम संख्या 4,14,978 है. इसके बाद दिल्ली (1,83,874) और महाराष्ट्र (1,79,087) हैं. सबसे ज्यादा ई-रिक्शा वाले राज्यों की सूची में भी उत्तर प्रदेश टॉप पर है. अधिकारियों ने कहा कि ईवी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा चार्जिंग बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण है.
राम मंदिर, ताज महल और विरासत स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन
कुल पीसीएस में से, यूपी सरकार ने राम मंदिर, ताज महल, फतेहपुर सीकरी किला, सारनाथ मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, श्रावस्ती और अन्य सहित विरासत स्थलों पर लगभग 100 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है. मथुरा और वृन्दावन, वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज और झाँसी सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों और उसके आसपास कम से कम 200 पीसीएस स्थापित किए जाएंगे. इसने प्रमुख एक्सप्रेसवे पर 400 पीसीएस की स्थापना का प्रस्ताव दिया है, जिसमें यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, लखनऊ-गोरखपुर एक्सप्रेसवे, लखनऊ-वाराणसी, लखनऊ कानपुर राजमार्ग और अन्य शामिल हैं.
गोरखपुर, झांसी, कानपुर, नोएडा, प्रयागराज, वाराणसी में भी होंगे पीसीएस
अधिकारियों ने कहा कि शेष 1,300 पीसीएस आगरा, अयोध्या, बरेली, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, नोएडा, प्रयागराज, वाराणसी और अन्य नगर निगमों में स्थापित किए जाएंगे. यूपीईआईडीए के अधिकारियों ने कहा कि पीसीएस की स्थापना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर होगी. परियोजना के तहत, चयनित बोलीदाता या चार्ज प्वाइंट ऑपरेटर (सीपीओ) पीसीएस के डिजाइन, निर्माण, स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा. यूपीईआईडीए 10 साल की अवधि के लिए मामूली शुल्क पर जमीन उपलब्ध कराएगा.
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FIRST PUBLISHED : November 27, 2023, 17:58 IST