Destination Wedding Expenses: हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवम्बर को अपने मन की बात कार्यक्रम में विदेशों में की जाने वाली डेस्टिनेशन शादियों पर चिंता जताई थी और लोगों से भारत में ही शादी करने की अपील की थी. चूंकि भारत के लोग डेस्टिनेशन वेडिंग के नाम पर एक बहुत बड़ी रकम विदेशों में खर्च कर आते हैं. अगर यही पैसा भारत में खर्च हो तो देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा मिल सकता है. उस दिन के बाद से डेस्टिनेशन वेडिंग चर्चा का विषय बन गई है.
भारत की बात करें तो यहां हर साल लाखों की संख्या में शादियां होती हैं. इस बार ही नवंबर से लेकर साल 2024 में जून तक करीब 38 लाख शादियां भारत में होने वाली हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अनुमान के अनुसार इन शादियों में करीब पौने चार लाख करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं. हालांकि यह पैसा देश के अंदर ही खर्च होगा लेकिन क्या आपको मालूम है कि डेस्टिनेशन वेडिंग्स के नाम पर विदेशों में भारतीय लोग कितना पैसा पानी की तरह बहा कर आते हैं?
आपको बता दें कि विदेशों में भारतीय लोगों द्वारा डेस्टिनेशन शादियों के बारे में अभी तक कोई अधिकृत सर्वे नहीं हुआ है, इसलिए सही सही कह पाना मुश्किल है कि यह कारोबार कितना होगा लेकिन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का अनुमान है कि हर साल लगभग 5 हजार डेस्टिनेशन शादियां विदेशों में होती हैं. इनमें लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का मोटा खर्च किया जाता है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश में डेस्टिनेशन शादियों पर जो चिंता व्यक्त की गई है, उस पर अगर सार्थक चर्चा हो तो यह देश के घरेलू व्यापार और भारतीय अर्थव्यवस्था में एक संभावित बदलाव लाने की पहल हो सकती है. उन्होंने कहा कि यह बात साफ है कि भारत में धनाढ्य लोगों का एक वर्ग विदेशों में डेस्टिनेशन शादियां कर रहा है इसके कारण भारत के लोगों का एक बड़ा व्यापार विदेश को मिल जाता है. बेहतर हो अगर पीएम मोदी की बात को समझते हुए यह वर्ग विदेशों के बजाय भारत में ही यह शादियां आयोजित करे.
भारत में ये हैं डेस्टिनेशन वेडिंग
वैसे तो अब देश के प्रत्येक शहर के बाहर पर्याप्त शादी स्थल बन गये हैं जिनका डेस्टिनेशन शादी के रूप में उपयोग बहुतायत में होता है लेकिन देश के विभिन्न राज्यों में कुछ प्रमुख स्थान ऐसे हैं जहां बड़े पैमाने पर डेस्टिनेशन शादियां होती हैं, इनमें मुख्य रूप से गोवा, महाराष्ट्र में लोनावाला, महाबलेश्वर, मुंबई, शिरडी, नासिक, नागपुर, गुजरात में द्वारिका, अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा, मध्य प्रदेश में ओरछा, ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर, पुष्कर, उत्तर प्रदेश में मथुरा, वृंदावन, आगरा, वाराणसी, कानपुर, दक्षिण भारत में चेन्नई, यादगिरी हिल, ऊटी, बंगलौर, हैदराबाद, तिरूपति, कोचीन, त्रिची, कोयंबतूर, पॉण्डिचेरी सहित दिल्ली एनसीआर में दिल्ली, नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, गुड़गांव, मानेसर, बहादुरगढ़, फरीदाबाद तथा पंजाब-हरियाणा में चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर तथा जम्मू शामिल हैं.
बड़े-छोटे सभी बजट की हो सकती हैं डेस्टिनेशन शादियां
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि ये सभी स्थान माध्यम बजट से लेकर किसी भी बड़े बजट की डेस्टिनेशन शादियों को करवाने में पूरी तरह सक्षम हैं. शादी करवाने के लिए आम से लेकर खास सुविधा और इंतजाम प्रदान करने वाली कंपनियों या ग्रुपों का एक बड़ा नेटवर्क पिछले वर्षों में भारत में विकसित हुआ है और इसीलिए शादियों से संबंधित सामान एवं सेवाएं आज देश में एक बड़े व्यापार का रूप ले चुकी हैं. डेस्टिनेशन शादी चाहे देश में हो या विदेश में, उन्हें संपन्न कराने में इन कंपनियों या समूहों का सबसे बड़ा योगदान होता है.
अक्सर हर साल शादियों के मामले में देश में विभिन्न स्थानों पर हुई डेस्टिनेशन शादियां अपनी भव्यता और अपनी विशेषताओं के कारण चर्चा का विषय बनती हैं जो इस बात को साबित करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता जायज है और जिसको ध्यान में रखते हुए और भारत का धन देश में ही खर्च हो. इससे भारतीय संस्कार पल्लवित होंगे और देश के व्यापार एवं अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा व बड़ी मात्रा में स्थायी एवं अस्थायी रोजगार भी उपलब्ध होंगे.
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Tags: PM Modi, Trending news, Wedding Ceremony
FIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 14:38 IST