Walnut health benefits: जोड़ों में दर्द (Joints pain) व सूजन (Joint Swelling) की समस्या आजकल एक आम परेशानी हो चुकी है. अब तो बुजुर्गो के अलावा जवान भी इस तरह के दर्द व सूजन से परेशान दिखते हैं. अगर शरीर को इस ‘दुखते दर्द’ से बचाना है तो अखरोट का सेवन करें. यह ऐसा दमदार ड्राई फ्रूट है जो दिमाग को कूल व उसकी फंक्शनिंग को भी स्मूद रखता है. अखरोट में पाए जाने वाले खास विटामिन्स व मिनरल्स को शरीर के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सा में अखरोट को विशेष माना जाता है.
अखरोट ऐसा मेवा है, जो अपने विशेष गुणों के चलते पूरी दुनिया में खाया जाता है. जिन देशों में यह नहीं उगता, वहां भी इसे इंपोर्ट कर उपभोग करने की परंपरा है. अपने हलके मीठे और बेहद बारीक कसैलेपन के बावजूद इसका स्वाद शानदार है. इसकी बनावट भी एकदम अलग है और शरीर के लिए परफेक्ट. अखरोट में भरपूर कैलोरी के अलावा प्रोटीन, वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट के अलावा थायमिन, विटामिन बी 6, फोलेट, मैंगनीज, कॉपर, जिंक, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम के अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड जैस विशेष पोषक तत्व भी पाया जाता है. इसके विशेष गुण इस प्रकार हैं.
- अगर आप जोड़ों के दर्द और सूजन से परेशान हैं, या उससे बचना चाहते हैं तो अखरोट आपके लिए ही है. मुंबई यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन व वैद्यराज दीनानाथ उपाध्याय के अनुसार आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सा पद्धति में अखरोट को विशेष माना गया है. इसका नियमित सेवन जोड़ों के दर्द व सूजन से बचाता है. प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में अखरोट (अक्षोटम) को शरीर के लिए स्निग्ध, मधुर व बलप्रद माना गया है. यह विशेषताएं शरीर को जोड़ों के दर्द व सूजन से भी बचाती हैं. यूनानी चिकित्सा पद्धति में शरीर को निरोग रखने व इस प्रकार के दर्द व सूजन के अलावा गठिया से बचाव के लिए ‘अखरोट की माजून’ खाने की सलाह दी जाती है.
- अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड नामक पोषक तत्व पाया जाता है. यह जोड़ों में दर्द व अकड़न से बचाव, सूजन व गठिया में लाभकारी तो लाभकारी है ही, दिमाग के लिए भी गुणकारी है. आपने देखा होगा कि तोड़ने के बाद अखरोट की गरी (kernel) का आकार बिल्कुल दिमाग जैसा होता है. मान्यता भी है कि जो फल, सब्जी, ड्राईफ्रूट आदि शरीर के जिस भाग जैसा दिखता है, वह उसके लिए लाभकारी है.
- अखरोट में पाए जाने वाले पोषक तत्व और एंटीऑक्सिडेंट शरीर में मुक्त कणों को कम करके दिमागी तनाव को कम करने में मदद करते हैं. इसमें पाया जाने वाला ऑयल पार्किंसंस रोग (कं पा र्किंसंस पकपी व मांसपेशियों में जकड़न) से बचाव करता है, साथ ही डिप्रेशन व मानसिक थकाना को भी दूर रखने में मददगार है. आपकी याददाश्त में भी सुधार हो सकता है और दिमागी कूलनेस भी कायम रहेगी.
- अखरोट को एंटीऑक्सीडेंट से भी परिपूर्ण माना जाता है. यह तत्व शरीर को खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के स्तर को कम करने में मददगार है. असल में एलडीएल के चलते ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह का फैट जो ब्लड में रहता है, लेकिन इसकी अधिकता हार्ट की धमनियों को ब्लॉक कर सकती है) का लेवल बढ़ जाता है, जबकि अखरोट का नियमित सेवन इन्हें कंट्रोल में रखता है. विशेष बात यह है कि इनके कंट्रोल रहने से ब्लड प्रेशर का स्तर भी सामान्य स्तर पर रहने की संभावना भी बनी रहती है.
- अखरोट का उचित मात्रा में सेवन हड्डियों की सेहत को कायम रखता है और इसमें मौजूद ऑयल स्किन व बालों के लिए भी लाभकारी हैं. ये सब ‘गठजोड़’ बुढ़ापे को आने में देर करते हैं. यानी आपके जवान रहने की उम्र बढ़ जाती है. असल में अखरोट में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी पाया जाता है जो ओमेगा-3 फैटी एसिड का ही एक रूप है. यह ऑयली तत्व हड्डियों को पोषकता देने में कारगर है. ये दोनों तत्व मसल्स को भी दुरुस्त रखने में सहायक हैं. अखरोट में मौजूद विशेष पोषक तत्व स्किन को ऑयली व चमकदार बनाते हैं. साथ ही झुर्रियों से बचाते हैं. इसमें विटामिन सी व ई त्वचा के अलावा बालों के लिए भी लाभकारी माना जाता है.
अखरोट का इतिहास और सफर
यह ड्राईफ्रूट हजारों वर्षों से दुनिया में खाया जा रहा है. फूड हिस्टोरियन मानते हैं कि अखरोट उत्तर और दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी यूरोप, एशिया और वेस्ट इंडीज का मूल निवासी (करीब सात हजार ईसा पूर्व) है. अखरोट का एक दूसरा रूट भी माना जाता है जो तुर्की, ईरान, तुर्कमेनिस्तान के अलावा चीन, ताइवान, थाइलैंड, वियतनाम, कोरिया के अलावा दक्षिण पूर्वी एशिया के अन्य देशों से निकलता है. भारत में भी इसकी उत्पत्ति बेहद प्राचीन है. हिंदू धर्म में इसकी विशेष उपयोगिता मानी गई है. आज यह पूरी दुनिया में खाया जा रहा है.
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Tags: Food, Health benefit, Health tips, History
FIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 14:01 IST