रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वच्छ पर्यावरण और नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को पाने के क्षेत्र में बड़ी पहल की है। इसके तहत प्रदेश के 6 नगर निगमों और बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, गेल इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम के बीच एमओयू हुआ है। सभी संस्थाओं के विशेष एमओयू होने पर सीएम विष्णुदेव साय ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, यह कदम स्वच्छता, ऊर्जा उत्पादन और सतत विकास के क्षेत्र में प्रदेश को नई पहचान दिलाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के विकास में आज एक और महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ रही है। छत्तीसगढ़ में सतत योजना के अंतर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी और इसी पहल के माध्यम से देशवासियों में अपने परिवेश की स्वच्छता को लेकर व्यापक चेतना आई थी।
स्वच्छता की दिशा में हो रहे बेहतर काम
उन्होंने कहा कि, अब प्रदेश में स्वच्छता को लेकर बेहतर काम हो रहे हैं। नगरीय निकायों में इन संयंत्रो की स्थापना से शहरों को स्वच्छ-सुंदर बनाने का हमारा संकल्प पूरा होगा। जैव ईंधन के रूप में बायोगैस के उत्पादन से हमारी ऊर्जा की आवश्यकता भी पूरी होगी और वेस्ट टू एनर्जी की परिकल्पना भी साकार होगी। उन्होंने एमओयू में शामिल सभी संस्थाओं से संयंत्र की स्थापना के कार्य को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने को कहा।
एमओयू से सृजित होंगे रोजगार के नए अवसर – सीएम साय
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, इस एमओयू से पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता जैसे बड़े उद्देश्य की पूर्ति के साथ-साथ रोजगार भी सृजित होंगे। भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थाओं के सहयोग से यह कार्य पूरा होगा और इस क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता का लाभ भी हमें मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और वेस्ट टू वेल्थ की दिशा में लिए गए बड़े फैसले
उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और वेस्ट टू वेल्थ की दिशा में बड़े फैसले लिए गए हैं। प्रदेश में स्वच्छता को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है और शहरों के लिए आज यह बहुत महत्वपूर्ण विषय हो गया है। हमारा लक्ष्य है कि नगर स्वच्छ, सुंदर और सुविधापूर्ण बने और भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एमओयू से यह कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण होगा। एमओयू के दौरान मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस, गेल इंडिया, बीपीसीएल, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण और 06 नगरीय निकायों के अधिकारी मौजूद रहे।
ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन की अपार संभावनाएं
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ में सतत् योजना (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) के अंतर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट से जैव ईंधन जैसे कि कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) के निरंतर प्रयास से नगर पालिक निगम अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर, राजनांदगांव और धमतरी में नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना के लिए सीबीडीए, गेल और बीपीसीएल के साथ आज त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इनमें नगर पालिक निगम अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, सीबीडीए, गेल इंडिया लिमिटेड के बीच और नगर पालिक निगम बिलासपुर, धमतरी, राजनांदगांव और सीबीडीए एवं भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के बीच समझौता हुआ।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
इस एमओयू के माध्यम से 6 नगर पालिक निगमों के लगभग 350 मीट्रिक टन प्रतिदिन नगरीय ठोस अपशिष्ट एवं लगभग 500 मीट्रिक टन अधिशेष बायोमास का उपयोग जैव ईंधन उत्पादन के लिए किया जाएगा। इन 06 संयंत्रों से प्रतिदिन लगभग 70 मीट्रिक टन कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन होगा। इन परियोजनाओं में लगभग 600 करोड़ रुपये का निवेश पूर्ण रूप से GAIL और BPCL द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार संयंत्रों से होने वाले उत्पादन और बिक्री से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 6 करोड़ रुपये का जीएसटी प्राप्त होगा।
एमिशन की दिशा में अग्रसर होगा प्रदेश
एमओयू के फलस्वरूप संयंत्रों की स्थापना से उत्पन्न सह-उत्पाद से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। कचरे के प्रभावी निपटान से ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में कमी आएगी और छत्तीसगढ़ नेट जीरो एमिशन प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होगा।